-रैड क्रास ने चलाया जागरूकता अभियान. हर नागरिक को होनी चाहिए सी.पी.आर विधि की जानकारी. 13 से 17 अक्तूबर तक जागरूकता सप्ताह
PANIPAT AAJKAL : 15 अक्तूबर । कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन(सी.पी.आर.) जैसी जीवन रक्षक विधि के महत्व को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से जिला रैडक्रास सोसाइटी, द्वारा 13 से 17 अक्तूबर तक सी.पी.आर जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान की अगुवाई सचिव गौरव राम करण द्वारा की जा रही है। उन्होंने बताया कि दुर्घटना की स्थिति में श्वास व धड़कन रुकने पर तुरंत सी.पी.आर देकर किसी की जान बचाई जा सकती है।
उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार तथा भारतीय रैडक्रास सोसाइटी, राष्ट्रीय मुख्यालय नई दिल्ली व हरियाणा राज्य शाखा, चंडीगढ़ के मार्गदर्शन में चलाया जा रहा है।
जिला प्रशिक्षण अधिकारी हरमेश चन्द ने बताया कि विभिन्न स्कूलों व कॉलेजों में सी.पी.आर
प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
सैंट जॉन एम्बुलेंस के प्रवक्ताओं सोनिया शर्मा, नीरज सैनी और प्रदीप द्वारा आर्य भाल भारती पब्लिक स्कूल, एपीआईआईटी एस.डी. इंडिया कॉलेज, सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अलीपुर नैन व भंडारी, आई.बी. स्कूल, और एस.डी. सीनियर सेकेंडरी स्कूल में छात्रों व शिक्षकों को सी.पी.आर की डेमोंस्ट्रेशन के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया।
हरमेश चन्द ने बताया कि दुर्घटना के समय यदि किसी व्यक्ति की धड़कन या सांसें रुक जाएं, तो
सी.पी.आर देकर उसे पुनर्जीवित किया जा सकता है। इसके लिए व्यक्ति को सख्त सतह पर लिटा कर, छाती के मध्य भाग पर प्रति मिनट 100 से 120 बार दवाब देना चाहिए। प्रत्येक दबाव से छाती का एक-तिहाई भाग अंदर दबना चाहिए और हर बार स्वाभाविक रूप से ऊपर उठना भी जरूरी है।
उन्होंने कहा कि सी.पी.आर तब तक किया जाना चाहिए जब तक कि पीड़ित में सांस लेने के लक्षण न दिखने लगें या चिकित्सकीय सहायता न मिल जाए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सी.पी.आर. का सही ज्ञान हर नागरिक के लिए आवश्यक है ताकि किसी आपातकालीन स्थिति में तुरंत और प्रभावी प्रतिक्रिया दी जा सके। इस जागरूकता अभियान का उद्देश्य जनसामान्य को प्रशिक्षित कर एक जिम्मेदार नागरिक बनाना है, जो संकट की घड़ी में दूसरों की जान बच सके।