PANIPAT AAJKAL : आईबी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के तत्वावधान में महाविद्यालय के साहित्यिक परिषद द्वारा "विश्व अनुवाद दिवस" के तहत "अनुवाद प्रतियोगिता" का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों की साहित्यिक व भाषायी प्रतिभा को परखना इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य रहा। इस प्रतियोगिता में लगभग 70 बच्चों ने भाग लिया एवं अपनी-अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। इस अवसर पर प्राचार्या डॉ. शशि प्रभा मलिक ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय प्रतियोगिताओं से परिपूर्ण है। आज विश्व में रोजगार प्राप्त करने हेतु युवा एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं। इसलिए बहुभाषी बनना महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. नीलम ने कहा कि अनुवाद में शब्द भंडार का अपना एक महत्व है जिस से भाषा पर पकड़ बनती है। यह अनुवाद क्षमता व्यक्ति की अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक गतिविधियों को समझने में भी मदद करती हैं। इसके अतिरिक्त यह विभिन्न संस्कृतियों के आदान-प्रदान में भी सहायक रहती है । इन अनुवादों की सहायता से ही विश्व साहित्य, विज्ञान, तकनीकी एवं इतिहास सभी की पहुंच में आ सके हैं। इन्हीं अनुवादों के कारण विभिन्न देशों के लोग विश्व साहित्य जैसे रामायण,महाभारत, भगवद्गीता, बाइबल आदि की प्रशंसा करते हैं। इस कार्यक्रम में निर्णायक मंडल की भूमिका डॉ. निधि मल्होत्रा, डॉ. शर्मिला यादव, डॉ स्वाति पुनिया, डॉ. नेहा पुनिया एवं डॉ. अंजलि ने निभाई। कार्यक्रम के परिणाम इस प्रकार रहे:-
अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद के परिणाम निम्न प्रकार से हैं
1. प्रथम स्थान -सुमन (एम ए प्रथम वर्ष)
2. द्वितीय स्थान- रूपांशी (एम ए द्वितीय वर्ष)
हिंदी से अंग्रेजी अनुवाद के परिणाम निम्न प्रकार से हैं:-
1. प्रथम स्थान- मिश्रिता(बी ए इंग्लिश ऑनर्स प्रथम वर्ष )
2. द्वितीय स्थान- ऋषभ ( बी ए प्रथम वर्ष)
संस्कृत से हिंदी अनुवाद के परिणाम इस प्रकार रहे:-
1. प्रथम स्थान- सलोनी (बी ए प्रथम वर्ष)
2. द्वितीय स्थान- कनिष्का (बी ए प्रथम वर्ष)
कार्यक्रम की सफलता में डॉ. सुनीता ढांडा , डॉ जोगेश, डॉ. निर्मला, प्रिया बरेजा, राहुल एवं रेशु का विशेष योगदान रहा।