
आपातकालीन स्थिति में आम नागरिक अलर्ट व सतर्कता बरतें-एसडीएम ब्रहमप्रकाश।
-झूठी अफ़वाहों से दूर रहकर अपना व दूसरों का करें सहयोग- डीएसपी सतीश वत्स।
-जिले में हुई विभिन्न मॉक ड्रिल में पुलिस व अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों ने दिखाया जज्बा
-मॉक ड्रिल में अग्निशमन विभाग ने चार तरह की मॉक ड्रिल का दिया डैमो।
PANIPAT AAJKAL : 7 मई, जिला सचिवालय में बुधवार को भी अन्य दिनों की तरह सब कुछ सामान्य चल रहा था। अधिकारी अपने-अपने काम में व्यस्त थे। अचानक तेज सायरन की आवाज सचिवालय में सुनाई पड़ी। हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं था, यह अधिकारिक तौर पर मॉक ड्रिल की सूचना थी, जिसमें सावधानी व सतर्कता बरतने का संदेश दिया जा रहा था। यह दृश्य जिले में अलग-अलग स्थानों पर मॉक ड्रिल के तहत किया गया था।
मॉक ड्रिल में रैस्कयू आप्रेशन के तहत बिल्डिंग में फंसे कर्मचारियों को बाहर निकाला जा रहा था। सूचना के मिलने के साथ ही रैडक्रास की टीम भी सक्रिय थी। वे अपनी पूरी तैयारी के साथ घटना स्थल पर पहुंच गई थी। बिल्डिंग में अग्निशमन की टीम द्वारा घायल कर्मिचारियों को बाहर निकाला जा रहा था व साथ में खड़ी एम्बुलैंस में स्टेचर के माध्यम से घायल कर्मचारियों को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था। घटना स्थल पर लगातार भीड़ बढ़ती जा रही थी। प्रशासन द्वारा पूरी एहतियात बरती गई थी। घटना स्थल पर मौजूद लोग अंदर फंसे कर्मचारियों की सलामती के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे थे।
एसडीएम ब्रहमप्रकाश ने बताया कि यह मॉक ड्रिल एक तरह से नागरिकों के लिए एक संदेश देती है कि अगर कोई ऐसी स्थिति भविष्य में बनती है तो हमें सूझबूझ से कार्य लेना है व एक-दूसरे का सहयोग करना है। उन्होंने बताया कि हमें घर पर कम से कम तीन दिन का राशन सुरक्षित रखना है। आर्थिक स्थिति के तहत कई दिनों के पैसे का इंतजाम पूर्व में ही रखना है। रात्रि के वक्त अलर्ट व सतर्कता से कार्य लेना है। अफवाहों पर विश्वास न करके आधिकारिक सूचना पर ध्यान देना है।

एसडीएम ने बताया कि आपातकालीन स्थिति में प्राथमिक चिकित्सा किट, टार्च व एक्सट्रा सैल, मोबाइल चार्जर, पावर बैक, खिड़कियों पर मोटे पर्दे, काले कागज या ब्लाईंड लगाना जरूरी है। बच्चों को सुरक्षित स्थान और प्रक्रिया की जानकारी देनी है। आपातकालीन स्थिति में शीशे से दूर रहना है और जमीन पर लेट जाना है। उन्होंने बताया कि आज की मॉक ड्रिल में 7 कैजुअल्टी पाई गई हैं। जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद विभिन्न अस्पतालों में रेफर किया गया है, जिनकी हालत ठीक है।
पुलिस उप अधीक्षक सतीश वत्स इस मॉक ड्रिल में आम नागरिकों को सचेत कर रहे थे कि सब कुछ नियंत्रण में है। घबराने की कोई जरूरत नहीं है। स्थिति पर काबू पा लिया गया है। बिल्डिंग में फंसे कर्मचारियों को एक-एक करके बाहर निकाला जा रहा है। अग्निशमन विभाग की टीम सीढ़ी के जरिए प्रथम फ्लोर पर फंसे कर्मचारियों को निकालने में अपनी अहम् भूमिका निभा रही थी।

उप पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस तरह की स्थिति में हमें हौंसले से कार्य लेना चाहिए व जहां तक सम्भव हो सके अफवाहों से दूर रहकर प्रशासन को सूचित करना चाहिए ताकि सही संदेश जनता में जा सके। आपातकालीन स्थिति में नजदीकी पुलिस थाना को सूचित करना है। उन्होंने बताया कि अधिकारिक अपडेट के लिए रेडियो, टीवी देखते रहना है। पहले से ही आश्रय के लिए सुरक्षित तहखाने की पहचान कर लेनी है। जरूरत पडऩे पर पुलिस 112, अग्नि 101 व एम्बुलैस 120 पर कॉल करना है।
मॉक ड्रिल में लैंडर ड्रिल के तहत बिल्डिंग में लगी आग पर फायर अधिकारी गुरमेल सिंह अपनी टीम के साथ पानी के पाईपों के सहयोग से आग पर काबू पा रहे थे व फंसे कर्मचारियों को सचिवालय से बाहर निकाल रहे थे। पूरी बिल्डिंग धुंए से भरी हुई थी, जिसमें कर्मचारी जहरीले धुंए की परवाह न करते हुए जान जोखिम में डालकर इस आप्रेशन को अंजाम दे रहे थेे।भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए पुलिस बल अपना काम कर रहा था। पुलिस अधिकारी बार-बार जनता से अपील कर रहे थे कि घबराने की जरूरत नहीं है। स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया है। इसी कड़ी में विभाग द्वारा निगम कार्यालय, इसराना तहसील, लघु सचिवालय समालखा, पानीपत जेल इत्यादि में मॉक ड्रिल की गई।
मॉक ड्रिल से पूर्व सुबह उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ वीरेंद्र कुमार दहिया की अध्यक्षता में जिला सचिवालय के सभागार में जिले के विभिन्न अधिकारियों की बैठक का आयोजन भी किया गया।

उपायुक्त ने कहा कि जिले में डीडीएमए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को लेकर कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए और लोकल ब्लैक आउट को लेकर भी कंट्रोल रूम तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित अधिकारियों की गाडय़िों में सायरन लगवाना भी सुनिश्चित करें। यही नहीं गांव में ठीकरी पहले लगाकर ग्रामीण स्तर पर रेस्क्यू टीम भी बनवाई जाए और धार्मिक संस्थाओं के सभी लाउडस्पीकर चालू हालत में हों। यह भी सुनिश्चित करें।
डीसी डॉ वीरेंद्र कुमार दहिया ने बताया कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को लेकर एडीसी या निगम आयुक्त इंसिडेंट कमांडर के रूप में काम करेंगे। पुलिस अधीक्षक सेफ्टी ऑफिसर होंगे। एसडीएम या संयुक्त आयुक्त डिप्टी इंसिडेंट कमांडर या ऑपरेशन इन चीफ होंगे। वहीं सीटीएम लायजन अधिकारी का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि कोई आपदा आती है तो सभी अधिकारियों को भूमिका अति आवश्यक है। गांव में पटवारी और ग्राम सचिवों की तैनाती करना सुनिश्चित करें। उन्होंने सेटेलाइट फोन भी चालू करने के निर्देश दिए ताकि आपातकाल में उसका उपयोग किया जा सके।