बाल श्रम करवाने वालों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई-एस आई संदीप कुमार

admin  1 month ago Top Stories

PANIPAT AAJKAL  : एमडीडी ऑफ इंडिया की सूचना पर मानव तस्करी विरोधी इकाई ने 11 बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करवा बच्चों को बाल कल्याण समिति में पेश कर उनकी काउंसलिंग करवाई गई।
एम. डी.डी. ऑफ इंडिया संस्था द्वारा 'न्याय तक पहुंच-3' अभियान के तहत बाल विवाह एवं बाल श्रम मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत संस्था की शिकायत पर पुलिस की मानव तस्करी विरोधी इकाई (ए.एच.टी.यू.) टीम ने आज सोमवार को छोटू राम चौंक से बाल श्रम करते हुए 11 बच्चों को रेस्क्यू करवाकर बाल कल्याण समिति में पेश किया गया ताकि उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ा जा सके। इस अभियान के तहत आज एंटी ह्यूमन ट्रैफिक यूनिट की कार्रवाई में स्टेट क्राइम ब्रांच इंचार्ज एस आई संदीप कुमार, एएसआई सुनील कुमार, हेड कांस्टेबल मुकेश चहल, और एमडीडी ऑफ इंडिया संस्था से अजय चौहान मौजूद रहे।
एस आई संदीप कुमार ने कहा कि बाल श्रम रोकने के लिए जिले के अलग-अलग इलाकों में जागरूकता अभियान एवं रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे है। कई सरकारी विभागों व संस्थाओं ने मिलकर फ्लोरा चौंक पर बाल श्रम और भिक्षा वृत्ति के खिलाफ शहर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और दुकानदारों, फैक्ट्रियों मालिकों व स्थानीय नागरिकों से अपील की जा रही है कि वे किसी भी बच्चे को काम पर लगाने की बजाय उन्हें स्कूल भेजें और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं लेकिन लोग बाज नहीं आ रहे। इसलिए कानून की उल्लंघना करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।बाल श्रम निषेध एवं संशोधन अधिनियम के तहत यदि कोई भी व्यक्ति छोटे बच्चों से बाल श्रम करवा रहा हो तो बाल श्रम की गतिविधि में शामिल व्यक्ति के खिलाफ 20 हजार से लेकर 50 हजार रुपए तक की राशि का जुर्माना व 6 महीने की सजा का प्रावधान है। मुक्त करवाए गए सभी बच्चे 10 से 14 साल के हैं। ये बच्चे गरीबी और अनपढ़ता के चलते बाल श्रम कर रहे थे। बच्चों का कहना था कि वो भी पढ़ना चाहते हैं लेकिन परिवार की आर्थिक हालत के चलते नहीं पढ़ पा रहे। उनके परिवार बेहद गरीब हैं और उन्हें परिवार का हाथ बंटाने के लिए मजदूरी करनी पड़ रही है।
एमडीडी ऑफ इंडिया संस्था स्टेट क्राइम ब्रांच, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्रम विभाग, बाल सुरक्षा विभाग के साथ मिलकर बाल विवाह एवं बाल श्रम मुक्त भारत अभियान के तहत जागरूकता अभियान चला रही है। संस्था हरियाणा के 15 जिलों में बाल विवाह, बाल श्रम और बाल यौन दुर्व्यवहार के खिलाफ काम कर रही है।

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