-शिक्षक वह जो जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना कर बच्चों का भविष्य बनाते- राकेश बूरा
- विवेकवान अध्यापक वह जो अपने जीवन में कम से कम 10 विद्यार्थियों को विवेकानंद जैसा बनाये- बी.के. भारत भूषण
PANIPAT AAJKAL : ब्रह्माकुमारीज़ के थिराना स्थित ज्ञान मानसरोवर में "शिक्षक सशक्त भारत के निर्माता विषय पर" भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें जिले भर के सरकारी व निजी स्कूलों से करीब 800 अध्यापकगण पहुँचे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से विधिवत शुरू किया गया। ब्रह्माकुमारीज की पानीपत सर्किल इंचार्ज राजयोगिनी सरला दीदी की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला शिक्षा अधिकारी राकेश बूरा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुभाष भारद्वाज, खंड शिक्षा अधिकारी कृष्ण खत्री और मनीष गुप्ता सहितब्रह्माकुमारीज़ के ज्ञान मानसरोवर निदेशक बीके भारत भूषण आदि उपस्थित रहे।कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बी.ई.ओ. राकेश बूरा ने अपने वक्तव्य में कहा कि श्रेष्ठ समाज बनाने में अध्यापक का बहुत अहम रोल होता है। शिक्षक वह जो जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना कर बच्चो का भविष्य बनाते है। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नही जब हमारे बच्चे एक ऊंचे मुकाम पर खेड़े होगे। अगर अध्यापक चरित्रवान है तो उसके विद्यार्थी भी चरित्रवान और महान बनते हैं। राजयोगी बीके भारत भूषण ने विषय को स्पष्ट करते हुए कहा कि अध्यापक का मतलब केवल किताबी ज्ञान बांटने वाला नही बल्कि अध्यापक अर्थात् आदर्श एवं पवित्र व्यक्तित्व। विवेकवान अध्यापक उसको कहेंगे जो अपने जीवन में कम से कम 10 जनों को विवेकानंद जैसा बनाये। आध्यात्मिक ज्ञान के बिना हिंसा वा अपराध को समाप्त नही किया जा सकता। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुभाष भारद्वाज ने कहा कि एक अध्यापक को शिक्षा स्वरुप बनकर ही बच्चों को शिक्षा देनी चाहिए। धर्म का अर्थ वास्तव में यही है कि इस समाज में हमारे जो उत्तरदायित्व है अर्थात जो कर्तव्य हैं उनका अच्छी तरह से स्वयं भी निर्वहन करते रहे। सर्कल इंचार्ज बीके सरला बहन ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने में अध्यापक की अहम भूमिका है। अगर अध्यापक ठान ले और मन से तैयार हो जाये तो बहुत जल्द यह श्रेष्ठ कार्य पूरा हो जाएगा। बशर्तें टीचर्स को पहले खुद रीयल गुरु बनना होगा। इस मौके पर मंच पर उपस्थित सभी शिक्षा अधिकारियों ने अपने विचार व्यक्त किये। आये हुए सभी मेहमानों का शुक्रिया अध्यापक मुकेश ने किया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में अध्यापकों को ईश्वरीय सौगात दी एवं सम्मानित पत्र (सर्टिफिकेट) भी वितरित किये गए। इस दौरान सभी ने ब्रह्माभोजन भी स्वीकार किया।कार्यक्रम के दौरान ब्रह्माकुमारी पूनम बहन ने संस्था का परिचय दिया और मंच संचालन बीके दिव्या बहन ने किया।