समाज के हाशिये पर मौजूद वर्गों को भी सशक्त बनाने का माध्यम है मतदान: हितेश शर्मा.

admin  1 month ago Top Stories

-खाद्य जनित बीमारियों का अधिकतर कारण हाथों का दूषित होना हैं: प्रो दलजीत सिंह    
-एसडी पीजी कॉलेज पानीपत की राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा स्वच्छता और मतदाता जागरूकता विषय पर आयोजित कार्यक्रमों का दूसरा दिन
-युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के एनएसएस के क्षेत्रीय निदेशालय नई दिल्ली के तत्वाधान में हो रहा है आयोजन

PANIPAT AAJKAL  : 29 मार्च, एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के एनएसएस के क्षेत्रीय निदेशालय नई दिल्ली के तत्वाधान में तीन दिवसीय कार्यक्रमों के दूसरे दिन मुख्य वक्ता प्रो दलजीत सिंह देशबंधु राजकीय महाविधालय पानीपत और हितेश शर्मा जिला निर्वाचन कार्यालय पानीपत के व्याख्यानों ने कुरुक्षेत्र विश्वविधालय कुरुक्षेत्र के विभिन्न कालेजों के लगभग 200 स्वयंसेवकों को अपने ज्ञान से लाभान्वित किया । तीन दिवसीय कार्यक्रमों का मूल उद्देश्य युवाओं को स्वच्छता और मतदान जैसे मुद्दों पर जागरूक करना है । कार्यक्रम में आकर्षण का केंद्र 18 वर्ष की आयु को प्राप्त करने वाले उन स्वयंसेवकों को सम्मानित करना रहा जो अपने जीवन में पहली बार अपने मत का प्रयोग अब करेंगे । मेहमानों का स्वागत प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा और प्रोग्राम ऑफिसर डॉ राकेश गर्ग ने पुष्प-रोपित गमले भेंट करके किया । इस अवसर पर युवा स्वयंसेवकों को मताधिकार के हक़ को विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल करने और स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए रैली निकाली गयी और शपथ दिलाई गयी । हितेश शर्मा ने स्वयंसेवकों को बिना किसी भेदभाव के वोट डालने की अपील की । दोपहर बाद के सत्र में ‘स्वच्छता एवं अच्छे स्वास्थ्य’ और ‘वोट का महत्त्व’ विषयों पर एकल नृत्य प्रतियोगिता, मेहँदी प्रतियोगिता, पोस्टर मेकिंग और रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । स्वयंसेवकों ने प्लास्टिक मुक्त हरियाणा को लेकर भी एक मुहीम चलाई और देशभक्ति के भावों से लबरेज स्वयंसेवकों ने ‘मेरा रंग दे बसंती चोला’ जैसे गीतों पर जमकर नृत्य किया ।   हितेश शर्मा ने कहा कि मतदान लोकतंत्र की आधारशिला है और यह भारत के राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । यह नागरिकों को अपने प्रतिनिधियों को चुनने और निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेने के अधिकार का प्रयोग करने की अनुमति देता है । मतदान के माध्यम से व्यक्तियों के पास अपने निर्वाचित अधिकारियों को उनके कार्यों और नीतियों के लिए जवाबदेह बनाने की शक्ति होती है । मतदान एक निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करता है तथा सामाजिक और राजनीतिक समानता को बढ़ावा देता है । यह एक ऐसी सरकार स्थापित करने में मदद करता है जो लोगों की इच्छा और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करती है । मतदान करके नागरिकों को विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करने और राष्ट्र के विकास में योगदान देने का अवसर मिलता है । मतदान समाज के हाशिये पर मौजूद वर्गों को सशक्त बनाता है, जिससे उन्हें उन मामलों में अपनी बात कहने का अधिकार मिलता है जो उनके जीवन को प्रभावित करते हैं । यह एक जिम्मेदार और उत्तरदायी सरकार के विकास को बढ़ावा देता है क्योंकि निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा अपने मतदाताओं की चिंताओं को दूर करने की ललक रहती है । उन्होनें युवाओं से आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में मतदान करें क्यूंकि यही लोकतांत्रिक प्रणाली की वैधता और विश्वसनीयता को मजबूत करता है । मतदान न केवल एक अधिकार है बल्कि एक नागरिक कर्तव्य भी है और इसका प्रयोग करके व्यक्ति लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं और देश की समग्र प्रगति में योगदान देते हैं ।


     प्रो दलजीत सिंह ने कहा कि स्वच्छता सबसे महत्वपूर्ण और अच्छी आदत है जो किसी भी व्यक्ति में होनी चाहिए क्योंकि स्वच्छता और स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं । यदि हम स्वच्छ हैं तो हम कई बीमारियों से लड़ सकते हैं और उन्हें रोक सकते हैं विशेषकर संक्रामक रोगों को । इसके अलावा स्वच्छता हमारे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ाती है । जीवन में स्वच्छता के अनगिनत फायदे हैं । केवल मात्र पानी और साबुन से हाथ धोने की सरल क्रिया से दस्त संबंधी बीमारियों की संभावना 50% तक कम हो जाती है । दरअसल खाद्य जनित बीमारियों का प्रमुख कारण दूषित हाथ ही हैं । ऐसी कई संभावित खतरनाक बीमारियाँ हैं जिन्हें उचित स्वच्छता द्वारा रोका और ठीक किया जा सकता है । हमारे शौचालय और घर के अन्य कमरों से लेकर कार्यस्थलपर हर जगह सफाई महत्वपूर्ण है ।

     प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा ने कहा कि साफ-सफाई से कार्यों में उत्पादकता बढ़ती है । साफ़ कार्य स्थलों पर काम करते समय हमारी एकाग्रता भी बढती है । दूषित और गंदा वातावरण ध्यान भटकाता है और उत्पादकता में बाधा उत्पन्न करता है । इसके अलावा अशुद्ध वातावरण न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए बल्कि हमारे परिवार के स्वास्थ्य के लिए भी ख़तरा होता है । हमें इस बात के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है कि स्वच्छता भी कैसे हमारे प्रत्येक रिश्ते को प्रभावित करती है ।

     डॉ राकेश गर्ग ने कहा कि हाल ही में आई वैश्विक महामारी ने हमें स्वच्छता, हाथ धोना और साफ-सफाई के महत्व को सिखाया है । स्वच्छता न केवल हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालती है बल्कि देश की गरिमा को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । सभी को स्वच्छता के महत्व को समझना चाहिए और खुद को बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए बुनियादी उपायों को अपनाना चाहिए ।

     एनएसएस के इस कैंप में राजकीय महाविधालय बापौली, इसराना, पानीपत, आईबी कॉलेज, एसडी कॉलेज, आर्य कॉलेज पानीपत, एपीट एसडी इंडिया, पाईट  समालखा आदि कालेजों के लगभग 200 स्वयंसेवक हिस्सा ले रहे है ।

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