फसलों के अवशेष जलाने वालों पर सरकार गंभीर. 2 वर्ष तक एमएसपी पर नहीं बेच पायेंगे मंडियों में अपनी फसल: सीईओ जिला परिषद नरेन्द्र पाल मलिक

admin  3 weeks, 2 days ago Top Stories

-पटवारियों व ग्राम सचिवों को फसल अवशेष प्रबंधन पर समन्वय स्थापित करके करना होगा कार्य
-डयूटी में कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर गिर सकती है सरकार की गाज
-फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर सरकार की प्रोत्साहन राशि का किसान उठाये लाभ

 PANIPAT AAJKAL , 13 नवम्बर। जिला सचिवायल में पराली अवशेष प्रबंधन को लेकर बुधवार को उपायुक्त डॉ.वीरेन्द्र कुमार दहिया के निर्देश पर जिला परिषद के सीईओ नरेन्द्र पाल मलिक ने कृषि विभाग के अधिकारियों, तहसीलदारों, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों, ग्राम सचिवों और पटवारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशानिर्देश दिए।
    जिला परिषद सीईओ ने बताया कि जो किसान फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर गंभीर नहीं है व बार -बार हिदायत देने के बाद भी फसल अवशेषों को जला रहे है इससे वायु गुणवता की स्थिति गंभीर होती जा रही है। प्रदूषण की मात्रा बढऩे से आम आदमी को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।
      जिला परिषद सीईओ ने बताया कि जो किसान फसल अवशेषों को जलाते है। लोकेशन प्राप्त होने पर उनके खिलाफ एफआईआर तो दर्ज होगी ही साथ ही साथ वे आगामी दो साल तक अपनी फसल को एमएसपी के आधार पर मंडियों में नहीं बेच सकेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को प्रति एकड़  एक हजार रूपये की राशि प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रदान कर रही है।
  एसडीएम ब्रह्मï प्रकाश ने कहा कि 85प्रतिशत तक धान की कटाई हो चुकी है। किसानों को चाहिए कि वे फसल अवशेषों को न जलाएं व बेलर का उपयोग करें। जिले में 55 के करीब बेलर उपलब्ध है जो 2 घंटे में किसानों की मांग पर उपलब्ध होंगे। उन्होंने पटवारियों व ग्राम सचिवों को विशेष तौर पर जागरूक करते हुए कहा कि वे इन 10 दिनों में अपनी डयूटी को और शिददतपूर्वक निभायें ताकि फसल अवशेष के घटनाओं को रोका जा सकें। उन्होंने इस कार्य में समन्वय स्थापित करने के भी निर्देश दिए।
    कृषि विभाग के उपनिदेशक आत्माराम गोदारा ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किसानों को समय पर बेलर उपलब्ध करवायें। इसमें किसी भी तरह की कोताही न बरतें। इसे अपना निजी कार्य समझ कर करें। उन्होंने बताया कि जो पटवारी व ग्राम सचिव इसमें कोताही बरतते है व उनके क्षेत्र में फसल अवशेष के मामले आते है तो उनके खिलाफ भी कार्यवाही होंगी।
    नायब तहसीलदार सौरभ शर्मा ने फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर प्रशासन को सुझाव देते हुए कहा कि एक टीम बनाकर एक शेडयूल बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है। तभी हम फसल अवशेष प्रबंधन को सफल बनाने में कामयाब हो सकते है।
      कृषि विभाग के एसडीओ देवेन्द्र कुहाड़ ने बताया कि मतलौडा व इसराना में फसल की कटाई का कार्य जारी है। यहां पर और ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने किसानों से निवेदन किया कि वे सरकार की फसल अवशेष प्रबंधन योजना को गंभीरता से लेकर इसका लाभ उठायें व फसल अवशेष न जलाकर अन्य को भी जागरूक करने का प्रयास करें।
      इस मौके पर एसडीएम समालखा अमित कुमार, एसडीएम इसराना ज्योति मित्तल, तहसीलदार ललिता, अधीक्षक अभियंता पंचायती राज प्रदीप, अधीक्षक अभियंता पब्लिक हैल्थ संजय शर्मा, अधीक्षक अभियंता कर्ण बहल, डीडीपीओ मनिष मलिक, बीडीपीओ विवेक, एसडीओ कृषि विभाग राजेश भारद्वाज, राधे श्याम, शमशेर मलिक, सुधीर आदि मौजूद रहे।

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