PANIPAT AAJKAL : माता सीता रानी सेवा संस्था द्वारा हरियाणा राज्य समाज कल्याण बोर्ड के सौजन्य से संचालित परिवार परामर्श केंद्र, पानीपत द्वारा महिलाओं को केंद्र की कार्यप्रणाली से अवगत कराने और उनके अधिकारों की जानकारी देने के लिए एक जागरूकता शिविर का आयोजन ईदगाह कॉलोनी, वार्ड नंबर 20 में किया गया।
केंद्र की परामर्शदात्री चेतना अरोड़ा द्वारा केंद्र की कार्यप्रणाली से अवगत कराते हुए बताया गया कि सन 2001 से पुरानी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, पानीपत में यह परिवार परामर्श केंद्र चलाया जा रहा है। जहाँ पर केंद्र के अनुभवी परामर्शदाताओं द्वारा समस्या को सुना व समझा जाता है ।तत्पश्चात अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराते हुए परामर्श द्वारा दोनों पक्षों की आपसी सहमति का प्रयास किया जाता है । शिकायतकर्ता स्त्री-पुरुष कोई भी हो सकता है । प्रथम पक्ष से प्रार्थनापत्र लेने के पश्चात द्वितीय पक्ष को नोटिस जारी कर बातचीत के लिए केंद्र में बुलाया जाता है। दोनों पक्षों की आवश्यकतानुसार
बैठकें आयोजित की जाती हैं और तटस्थ रह कर समस्या के समाधान का प्रयास किया जाता है। अगर किसी कारणवश दोनों पक्षों की आपसी सहमति न बन पाए तो उन्हें उचित कानूनी जानकारी भी उपलब्ध करवाई जाती है।
केंद्र की परामर्शदात्री रेहाना खान ने महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में बताते हुए कहा कि सभी को समान अधिकार प्राप्त हैं चाहे वह स्त्री हो या पुरुष। परंतु जागरूकता के अभाव में महिलाएँ शोषित होती रहती हैं। इसलिए सभी महिलाओं को उनके अधिकारों की पूरी जानकारी होनी चाहिए। सर्वप्रथम महिलाओं को स्वयं मजबूत होने व अपने अंदर आत्मविश्वास जगाने की आवश्यकता है।महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए समाज में उनके अधिकारों और मूल्यों को मारने वाली सोच का समाप्त होना जरूरी है । महिला सशक्तिकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर परिवार में बचपन से बच्चों में समानता के भाव को प्रचारित करना चाहिए। एक बेहतर शिक्षा की शुरुआत घर से ही होती है । माता-पिता को चाहिए कि अपनी बेटियों की जल्दी शादी करने की बजाय उन्हें उच्च शिक्षा दिलवायें और आत्मनिर्भर बनाएं ताकि वे हर परिस्थिति का सामना करने में सक्षम हो सकें ।
यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज से लॉ की पढ़ाई कर रही छात्रा कशिश पाहूजा ने घरेलू हिंसा अधिनियम की जानकारी दी और बताया कि महिलाओं के साथ हो रही किसी भी तरह की शारीरिक, मानसिक, लैंगिक और आर्थिक हिंसा की स्थिति में महिलाएँ इस कानून की मदद से न्याय प्राप्त कर सकती हैं। इस अवसर पर संस्था की कार्यकारी अध्यक्ष सुनीता आनंद, आंगनवाड़ी वर्कर मीनाक्षी, यशवंती, हेल्पर सुषमा, करीना, सविता , बिमला, ज्योति, बीरमति, कंचन, नीलम, सीता, दुर्गा , राजकली, उषा , मोनिका ,आरती और सीमा उपस्थिति रहीं।